जगदलपुर. 01 मार्च कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में तीन दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण में कई नई प्रजातियों की मौजूदगी देखी गई। सर्वे के दौरान पार्क परिसर मे पहली बार मालाबार पाईड होर्नबिल, ब्लैक कैप्ड किंग फिशर, ब्लैक ईगल, जेडेन बाजा, ब्लैक बाजा जैसे पक्षी देखे गए। जो आमतौर पर देश के वेस्टर्न घाट से लेकर कोंकण इलाके में पाए जाते हैं। इसी तरह यहां पक्षी सर्वेक्षण के दूसरे फेस में यहां पक्षियों की 215 से अधिक पक्षियों की प्रजाति मौजूद होने की पुष्टि हुई है.
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में दूसरे फेस की सर्वे में छत्तीसगढ़ के अलावा पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात और राजस्थान के 70 से अधिक पक्षी विशेषज्ञ और शोधकर्ता शामिल रहे।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक ने बताया कि कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान पक्षियों के रहवास के साथ ही पक्षी प्रेमियों लिए एक हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है। जैव विविधताओं से लबरेज इस घाटी में सेंट्रल एशिया और यूरोपियन देशों के कई प्रवासी पक्षी भी मौजूद हैं। यहां सामान्य व कुछ दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का बसेरा है। इस सर्वे से पार्क में पक्षियों की प्रजाति और उसकी पहचान करने सहित उनकी आदतों और आबादी का पता लगाने में मदद मिलेगी।
हकीमुद्दीन सैफी, सदस्य बर्ड काउंट इंडिया का कहना है कि कांगेर घाटी की कांगेर जलवायु और भौगोलिक वातावरण पक्षियों के रहवास के लिये सबसे सुरक्षित स्थल है। यहां देश के कई दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को देखा जा सकता है जो प्रदेश में अन्य कहीं नहीं मिलते। यह प्रदेश के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है। पर्यावरण और मानव जाति के आने वाली पीढ़ी के लिये इसका संरक्षण और संवर्धन जरूरी है।