एक राष्ट्र एक चुनाव से जुड़ा बिल आज यानी 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को सदन में पेश किया। इसे लेकर लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया है।
बीजेपी ने कहा- ये देश का मुद्दा है
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ये किसी पार्टी का नहीं, बल्कि देश का मुद्दा है। देश देखेगा कि कांग्रेस हमेशा कैसे नकारात्मक सोच रखती है। जब देश आजाद हुआ था, तब देश में एक देश-एक चुनाव था, लेकिन कांग्रेस ने इसे अपने हिसाब से बदल दिया। देश में हमेशा चुनाव होते रहते हैं, जिससे देश को काफी नुकसान होता है।
जेपीसी(JPC) को भेजने की सिफारिश!
इस बिल को 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' नाम दिया गया है। इस बिल को पेश करने के बाद सरकार अब इसे संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) को भेजने की सिफारिश करेगी। बिल की एक कॉपी सांसदों को पहले ही सर्कुलेट की जा चुकी है।
सपा और कांग्रेस सांसदों ने किया विरोध
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने बिल के विरोध में भाषण दिया। सपा के धर्मेंद्र यादव ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग 8 राज्यों में एक साथ विधानसभा चुनाव नहीं करा पाए, वे पूरे देश में एक साथ चुनाव की बात करते हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि एक तरह से यह भी संविधान को खत्म करने की एक और साजिश है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "एक राष्ट्र, एक चुनाव बिल सिर्फ पहला मील का पत्थर है, असली उद्देश्य नया संविधान लाना है। संविधान में संशोधन करना एक बात है, लेकिन नया संविधान लाना आरएसएस और पीएम मोदी का असली उद्देश्य है।"
तेलुगु देशम पार्टी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल का समर्थन किया
एनडीए सहयोगी टीडीपी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल का समर्थन किया है। टीडीपी के फ्लोर लीडर लावु श्री कृष्ण देवरायलू ने कहा, "हमने आंध्र प्रदेश में देखा है कि जब एक साथ चुनाव होते हैं, तो प्रक्रिया और शासन में स्पष्टता होती है। यह हमारा अनुभव रहा है और हम चाहते हैं कि यह पूरे देश में हो।"
टीएमसी ने किया बिल का विरोध
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
AAP ने 'वन नेशन वन इलेक्शन' का विरोध किया
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध करेगी। इससे देश में संविधान और लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। नेताओं को चुनाव का डर है, अगर यह यहीं खत्म हो गया तो देश में महंगाई अपने चरम पर होगी।