झारखंड पुलिस ने गैंगेस्टर मयंक सिंह को अजरबैजान से गिरफ्तार किया, पप्पू यादव को धमकी देने में था शामिल

झारखंड में नई सरकार का गठन हो चुका हैं और नई सरकार बनाने में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव का भी अहम योगदान रहा था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए पप्पू यादव ने कई सभा और रैलियां की थीं. वहीं सरकार के गठन के बाद हेमंत सोरेन ने भी अपनी दोस्ती का फर्ज अदा किया और सांसद पप्पू यादव को झारखंड से मिली धमकी के मामले में एटीएस का गठन कर दिया था. वहीं एटीएस ने पप्पू यादव को धमकी देने वाले गैंगेस्टर मयंक सिंह पर शिकंजा कसने में सफलता पाई हैं.

झारखंड सरकार की पहल पर इंटरपोल ने मयंक सिंह को अजरबैजान से गिरफ्तार किया है. मयंक सिंह को भारत लाने की प्रक्रिया चल रही हैं. वैसे तो मयंक सिंह झारखंड में अपराध के मामले में चर्चित था लेकिन पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को धमकी देकर देशभर में चर्चा में आया था. मयंक सिंह झारखंड के अमन साहू गैंग का सदस्य हैं. अमन साहू और मयंक सिंह दोनों लॉरेन्स बिश्नोई के लिए काम करते हैं. झारखंड में वृहत पैमाने पर खनिज संपदा होने की वजह से लॉरेन्स की नजर झारखंड पर भी थी. जिसके बाद अमन साहू के साथ मिलकर लॉरेन्स ने यहां के व्यापारियों, अधिकारियों से करोड़ों रुपए वसूलते थे. वहीं लॉरेन्स और अमन साहू के बीच की कड़ी का काम मयंक सिंह करता था. मयंक पर भी झारखंड के विभिन्न जिलों के पुलिस स्टेशनों में 43 मामले दर्ज हैं.

झारखंड पुलिस ने गैंगेस्टर मयंक सिंह को अजरबैजान देश से गिरफ्तार किया है. पुलिस की ATS के अनुरोध पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. पप्पू यादव धमकी मामले के बाद झारखंड पुलिस की टीम ने मयंक सिंह के घर जाकर जांच की. जिसके बाद उसके पासपोर्ट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू हुई. पासपोर्ट रद्द कर विदेश मंत्रालय के माध्यम से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया गया. उसके बाद भारत और अजरबैजान के बीच हुई प्रत्यारोपण संधि की मदद से अजरबैजान के एक होटल से मयंक सिंह की गिरफ्तारी हुई हैं. जिसे भारत लाने की प्रक्रिया चल रही हैं.

गैंगेस्टर मयंक सिंह का असली नाम सुनील कुमार मीणा है. वह राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के मंडी थाना क्षेत्र के घड़साना का रहने वाला हैं. अपने गांव में उसने काफी आलीशान घर बनाया हैं और महंगी-महंगी गाड़ी भी लगा रखी हैं. मयंक सिंह के खिलाफ रांची, चतरा, लातेहार, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़ और पलामू सहित अन्य जिलों में करीब 43 मामले रंगदारी, धमकी देने के दर्ज हैं.

पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने धमकी मामले में झारखंड सरकार ने ATS टीम गठन करने पर धन्यवाद दिया है और कहा कि बिहार सरकार भी पहल करें. पप्पू यादव ने कहा कि धमकी देने वाले के पीछे कौन हैं, इसका खुलासा होना चाहिए. उन्होंने एक बार फिर कहा कि वो ऐसी किसी भी धमकी से डरने वाले नहीं है. डर नाम का कोई चीज पप्पू यादव के भीतर नहीं हैं. उन्हें सरकार से कोई सुरक्षा नहीं चाहिए, उनकी सुरक्षा जनता करेगी. बस सरकार सिर्फ यह पता लगाएं की धमकी दिलवाने में किनकी भूमिका हैं. किसके इशारे पर यह काम हो रहा है.

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