कांग्रेस सरकार ने तेलंगाना थल्ली की साड़ी का रंग बदला, कलश और मुकुट को हटाया  

हैदराबाद । कांग्रेस की रेवंत रेड्डी सरकार से फैसले से तेलंगाना में घमासान मचा है। दरअसन कांग्रेस सरकार ने तेलंगाना थल्ली यानी तेलंगाना की माता की प्रतिमा का स्वरूप बदल दिया। कांग्रेस सरकार ने देवी के स्वरूप से तेलगू संस्कृति की प्रतीक वथकम्मा के कलश और मुकुट को हटाया है। उनकी साड़ी के रंग को भी बदल दिया है। बीजेपी ने इस बदलाव को तेलगू अस्मिता पर हमला करार दिया है। वहीं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने इसके खिलाफ तेलंगाना हाई कोर्ट में अर्जी लगा दी है।

भाजपा ने इसे तेलगू अस्मिता पर हमला करार दिया 
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस सरकार राजनीतिक हितों के लिए तेलंगाना की सांस्कृति पहचान से छेड़छाड़ कर रही है। कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी पार्टी की सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी को तेलंगाना की मां बोलते हैं। अब उन्हें खुश करने के लिए तेलंगाना की पहचान रही तेलंगाना थल्ली की छवि बदल रही है। कांग्रेस ने वथकम्मा कलश हटाकर देवी के हाथ खाली कर दिए हैं। उनके शरीर से तेलंगाना की समृद्धता की प्रतीक कमरबंद, पैरों में पहने जानी वाली विछुवा और गुलाबी साड़ी भी बदल दी है। गौरव का प्रतीक मुकुट भी हटाया गया है। बीजेपी का आरोप है कि यह संयोग नहीं, बल्कि सीएम रेड्डी ने नई मूर्ति के उद्घाटन के लिए सोनिया गांधी के जन्मदिन को चुना है। देवी के हाथ इसलिए खाली किए गए, वह कांग्रेस का चुनाव चिन्ह है।तेलगू क्षेत्र में पहले से तेलगू थल्ली की धन्य-धान्य और समृद्धि देने वाली देवी के तौर पर पूजा होती रही है। उन्हें आंध्र माता कहा जाता है। नए राज्य तेलंगाना के आंदोलन के दौरान लोगों ने देवी का स्थानीय स्वरूप ‘तेलंगाना थल्ली’ दे दिया। इस प्रतीकात्मक मूर्ति को निर्मल जिले के निवासी बी वेंकटरमण ने डिजाइन किया था। यह मूर्ति तेलंगाना आंदोलन का प्रतीक भी बनी। 2003 में हैदराबाद के टीआरएस हेडक्वॉर्टर में ‘तेलंगाना थल्ली’ की पहली प्रतिमा लगाई गई। तेलंगाना के गठन के बाद यह प्रतिमा कई जगह लगाई गई।

गुलाबी साड़ी को हरा कर दिया गया 
तेलंगाना थल्ली की पहली प्रतिमा में देवी को गडवाल और पोचमपल्ली के प्रसिद्ध रेशमी कपड़ों की प्रतीक गुलाबी साड़ी पहनाई गई। उनके हाथ में मक्के की बाली दी गई, जो भरपूर धन्य-धान्य और कृषि से जुड़ी थी। देवी के दूसरे हाथ में रखा गया बथकम्मा की कलश तेलंगाना के सबसे बड़े त्यौहार का प्रतीक था, जो नवरात्रों के दौरान मनाया जाता है। उन्हें समृद्धि का प्रतीक मुकुट भी पहनाया गया। उन्हें करीम नगर के प्रसिद्ध आभूषणों कमरबंद पहनाया गया और महिलाओं की सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ी पैरों में पहनने वाले बिछुवा से सजाया गया था। अब नए डिजाइन में देवी का मुकुट गायब है। उनकी गुलाबी साड़ी को हरा कर दिया गया है। कमरबंद हटा दिए गए हैं। हाथ में बथकम्मा का कलश भी नहीं है। चूड़ियां भी लाल से हरी हो गई हैं।वहीं केसीआर के बेटे और पूर्व राज्य मंत्री के टी रामा राव ने कहा कि रेवंत रेड्डी तेलंगाना से केसीआर की विरासत को मिटाने की जल्दबाजी में हैं। उन्होंने कहा कि देवी की नई प्रतिमा तेलंगाना की पहचान का अपमान है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में लौटने पर राज्य सचिवालय में स्थापित राजीव गांधी की प्रतिमा को हटा देगी और उसकी जगह तेलंगाना थल्ली की मूल प्रतिमा स्थापित करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *