लापता व्यक्ति की खोज के लिए मणिपुर में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी, सीएम बीरेन सिंह का बयान

मणिपुर में सेना के शिविर में काम करने वाले मैतेई समुदाय का 55 साल का व्यक्ति का लापता हो गया था। शख्स के लापता होने के कारण कांगपोकपी की सीमा से सटे इंफाल पश्चिम जिले के कुछ हिस्सों में मंगलवार को तनाव फैल गया। बताया जा रहा है युवक 24 घंटे से अधिक समय तक लापता रहा। 

अधिकारियों ने मामले की जानकारी देते हुए बताया था कि इंफाल पश्चिम के लोइतांग खुनौ गांव के रहने वाले लैशराम कमलबाबू सिंह सोमवार दोपहर कांगपोकपी के लीमाखोंग सैन्य शिविर में काम पर जाने के लिए घर से निकले थे और तभी से लापता हैं। उनका मोबाइल फोन भी बंद है। कांगपोकपी जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया, पुलिस और केंद्रीय बलों की तरफ से क्षेत्र में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया है।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने हाल की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए जिरीबाम और उसके आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि दोषियों पर मामला दर्ज नहीं हो जाता।

मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजने के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) विधायिका मंच के फैसले पर चर्चा की। जिसमें छह नए पुलिस स्टेशनों से सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (एएफएसपीए) को हटाना और ट्रांसफर करना शामिल है।

बता दें कि लीमाखोंग कुकी-प्रभुत्व वाले कांगपोकपी और मैतेई-प्रभुत्व वाले इम्फाल पश्चिम की सीमा पर स्थित है। इस घटना के बाद से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी, ज्यादातर महिलाएं, मंगलवार की सुबह सड़कों पर उतर आए, सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और उसके ठिकाने के बारे में जवाब मांगने लगे।

इस घटना से कानून और स्थिति फिर से बिगड़ सकती है मैतेई लोगों से कहा गया कि वे कोई सड़क जाम न करें क्योंकि इससे तलाशी अभियान में बाधा आ रही है। सीसीटीवी कैमरे में कहीं भी व्यक्ति का बाहर निकलते नहीं देखा गया है, इसलिए पुलिस और सेना के अधिकारी परिसर की जांच कर रहे हैं। दोनों सेनाएं फिर से सीसीटीवी कैमरे की जांच कर रही हैं।

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