क्रिसमस की रात लाल स्टॉकिंग्स लटकाने की परंपरा का इतिहास क्या है? जानिए सांता की असली कहानी!

क्रिसमस से एक रात पहले लाल स्टॉकिंग्स टांगने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि सांता क्लॉज आकर इन स्टॉकिंग्स में गिफ्ट्स छोड़कर जाते हैं. क्या आप जानते हैं इसके पीछे का कारण तो चलिए जाने-माने इतिहासकार और शिक्षक इशिता मार्टिन से इस परंपरा के बारे में जानते हैं कि ये कहां और कब से शुरू हुई…

संत निकोलस की कहानी
बता दें कि चौथी सदी के आस-पास, तुर्की में एक दयालु व्यक्ति रहते थे, जिनका नाम था संत निकोलस. वे गरीबों की मदद करते थे और गुपचुप तरीके से उन्हें तोहफे भी देते थे. कहा जाता है कि वहां एक व्यक्ति था जो अपनी तीन बेटियों की शादी नहीं कर पा रहा था. जब निकोलस को इस बारे में पता चला, तो वे उसके घर गए और एक लटकती हुई टोकरी में सोने से भरी थैली छोड़ दी.

स्टॉकिंग्स से जुड़ी घटना
उसी दिन, उस गरीब व्यक्ति के घर की चिमनी में लाल रंग की गीली जुराबें सूखने के लिए लटकाई गई थीं. निकोलस ने वह सोने की थैली जुराबों में डाल दी. अगली सुबह, जब उस व्यक्ति ने जुराबें देखीं, तो वे सोने से भरी हुई थीं.

सांता क्लॉज बनने की शुरुआत
उस व्यक्ति ने आखिरी बार निकोलस को सोना देते हुए देखा, लेकिन निकोलस ने हमेशा पीछे रहकर जरूरतमंदों की मदद की और किसी को भी इसके बारे में बताने से मना किया. फिर भी यह बात छुपी नहीं रह सकी. इस घटना के बाद से जब भी किसी को गुप्त तोहफा (secret gift) मिलता, लोग मानते कि वह निकोलस ने दिया है. धीरे-धीरे उन्हें ‘सांता क्लॉज’ कहा जाने लगा.

 आज भी जारी है परंपरा
बच्चों को विश्वास था कि सांता क्लॉज हिरन की गाड़ी में आएंगे और सबके लिए तोहफे छोड़ जाएंगे. इसी वजह से आज भी क्रिसमस से पहले रात को स्टॉकिंग्स लटकाई जाती हैं, ताकि सांता क्लॉज आकर उनमें तोहफे डाल सकें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *