10 साल से खुला है थाना, अब दर्ज हुई पहली FIR

जबलपुर: शहर में दस साल पहले क्राइम ब्रांच थाने की स्थापना हुई थी। लेकिन, हाल ही में यहां पहली एफआईआर दर्ज हुई। यह बात हैरान करने वाली लग सकती है, लेकिन अफसरों की मनमानी के चलते यहां न तो एफआईआर हो रही थी और न ही जांच। पहली एफआईआर साइबर क्राइम की दर्ज हुई है। जबलपुर समेत प्रदेश में कई क्राइम ब्रांच थाने स्थापित किए गए। इसकी अधिसूचना 2014 में जारी हुई थी। इसके तहत एफआईआर, जांच समेत थानों को दिए जाने वाले सभी अधिकार क्राइम ब्रांच को सौंप दिए गए थे। लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम किसी अपराधी को पकड़ती तो उसे अलग-अलग थानों को सौंप दिया जाता था।

यह है पहला मामला

सोनम यादव नाम की युवती ने सोशल मीडिया पर मसूद हुसैन (70) से दोस्ती कर उसके साथ ठगी की। उसने युवती द्वारा बताए गए 29 खातों में 20 नवंबर तक 53 लाख रुपए जमा करा लिए थे। इस मामले में पहली एफआईआर क्राइम ब्रांच थाने में दर्ज हुई थी।

थाना प्रभारी भी रहे तैनात

कुछ समय पहले तक क्राइम ब्रांच की कमान एएसपी समर वर्मा के पास थी। लेकिन हाल ही में क्राइम ब्रांच में थाना प्रभारी नियुक्त करने का आदेश जारी हुआ है। एएसपी को पर्यवेक्षण के लिए अधिकृत किया गया है।

सरकार की अधिसूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच थाने को पूर्ण विकसित थाना घोषित किया गया। हाल ही में पहला साइबर क्राइम का मामला दर्ज हुआ है। जांच भी शुरू कर दी गई है- एसपी

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