दिल्ली: प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को बिजली कंपनियों ने करीब 27 लाख बिजली कनेक्शन का डेटा उपलब्ध कराया है। प्रॉपर्टी टैक्स विभाग बिजली कंपनियों से मिले डेटा को खंगालकर यह पता लगाएगा कि जिस प्रॉपर्टी पर बिजली मीटर लगा हुआ है, उससे MCD को प्रॉपर्टी टैक्स मिल रहा है या नहीं।
3500 करोड़ का टारगेट
MCD अधिकारियों का कहना है कि पूरे डेटा की जांच करने के बाद जो भी प्रॉपर्टी मालिक प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भर रहे हैं, उससे प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा। लेकिन इस प्रक्रिया में लंबा समय लगेगा। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में तीनों बिजली कंपनियों के उपभोक्ताओं की संख्या 70 लाख के करीब है। प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को इस फाइनेंशल ईयर यानी 31 मार्च 2025 तक 3500 करोड़ का टारगेट मिला हुआ है। अब तक 1840 करोड़ की रिकवरी हो चुकी है। पिछले फाइनेंशल ईयर के मुकाबले इस साल 270 करोड़ की ज्यादा रिकवरी हुई है। प्रॉपर्टी टैक्स विभाग इससे काफी उत्साहित है।
1.71 लाख प्रॉपर्टीज टैक्स से बाहर
MCD के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अभी टारगेट बहुत दूर है, जिस तरह से पिछले वित्त वर्ष में 2417 करोड़ की रिकवरी की थी, उसे देखते हुए टारगेट बहुत मुश्किल लग रहा है। अधिकारी ने बताया कि यह तभी संभव हो सकता है, जब ज्यादा से ज्यादा प्रॉपर्टीज को टैक्स के दायरे में लाया जाए। फाइनेंशल ईयर 2023-24 के आंकड़ों को देखा जाए तो MCD को 13.29 लाख प्रॉपर्टीज से टैक्स मिला था, जबकि रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी की संख्या 15 लाख के करीब है। इससे पत चलता है कि 1.71 लाख प्रॉपर्टीज से टैक्स नहीं मिल रहा है।
70 लाख कनेक्शन का अनुमान
ज्यादा से ज्यादा प्रॉपर्टीज को टैक्स के दायर में लाने के लिए प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने बिजली कंपनियों की मदद ली है। इसके लिए बिजली कंपनियों से बिजली कनेक्शन का डेटा लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि बिजली कंपनियों से जो डेटा मिला है वह टोटल कनेकशन का आधा भी नहीं है। बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी में ही 50 लाख के करीब उपभोक्ता है। इसके अलावा लगभग 20 लाख बिजली कनेक्शन एनडीपीएल के पास होंगे। इस तरह से देखा जाए तो MCD के अधिकार क्षेत्र में आने वाली तीनों कंपनियों के पास 70 लाख के करीब बिजली कनेक्शन है।