महानगरों में परिवर्तित किए जाएंगे मप्र के 4 शहर

भोपाल। मप्र में जल्द ही दिल्ली, मुंबई, चैन्नई जैसे महानगरों की तर्ज पर चार जिलों का विकास होगा। राज्य सरकार ने प्रदेश की राजधानी भोपाल, प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर, संस्कारधानी जबलपुर और ग्वालियर को महानगरों यानि मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में बदलने की योजना पर काम करना शुरु कर दिया है। इसी क्रम में इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन बनाने की तैयारी भी प्रारंभ कर दी गई है। इंदौर महानगर में आसपास के जिलों के हजारों वर्ग किमी क्षेत्र को शामिल किया जा रहा है।गौरतलब है कि सीएम मोहन यादव के निर्देश पर इंदौर मेट्रोपोलिटन रीजन के लिए कवायद शुरु की जा चुकी है। जिला प्रशासन ने नगर निगम की सीमा में आने वाले कई गांवों को शामिल करने की योजना बनाई है। इंदौर मेट्रोपोलिटन रीजन के अंतर्गत चारों ओर के 29 गांवों के समग्र विकास की पहल की जा रही है। इंदौर नगर निगम सीमा में करीब एक दशक पहले शामिल किए गए इन गांवों में टैक्स बढ़ोत्तरी की गई लेकिन सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। अधिकारी अब इनपर फोकस कर रहे हैं। सभी 29 गांवों में अब लकदक कालोनियां नजर आएंगी। यहां के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारा जाएगा, सडक़ जैसी मूलभूत अधो संरचनाएं डेवलप की जाएंगी और बिजली, पानी की सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। पेयजल के लिए नर्मदा का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इंदौर जिला प्रशासन द्वारा तैयार किए गए इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन (महानगरीय क्षेत्र) के प्रस्ताव में भी ये गांव शामिल हैं। इन गांवों में कृषि भूमि पर कई कॉलोनियां विकसित हो चुकीं हैं और बड़ी इमारतें भी बन गईं।

इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन में धार, उज्जैन और देवास भी
 इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन में इन गांवों के साथ ही इंदौर से सटे घार, उज्जैन और देवास जिले के हिस्से भी शामिल किए गए हैं। मेट्रोपालिटन रीजन के रूप में इंदौर सहित चारों जिलों के समग्र विकास की योजना बनाई गई है। अधिकारियों के अनुसार इंदौर के 29 गांवों के साथ ही उज्जैन, धार और देवास के कई गांवों को भी इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन में शामिल किया गया है। इंदौर मेट्रोपालिटन रीजन के रूप में सभी चार जिलों का कुल 7,863 वर्ग किमी एरिया मिलाकर महानगर की शक्ल लेगा। प्रस्तावित इंदौर महानगर में धार जिले के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर को भी शामिल किया गया है। इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक मेट्रो सिटी बनने से इन चारों जिलों का भी विकास होगा। युवाओं के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

बढ़ेगी अर्थव्यवस्था, मिलेगा रोजगार
भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर को मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में बदलने के बाद मप्र के युवाओं को अब नौकरी के लिए प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। राज्य की अर्थव्यवस्था भी जल्द ही तेज रफ्तार पकड़ेगी। ऐसा इसलिए हो सकेगा क्योंकि अब प्रदेश में दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर मेट्रो सिटी विकसित होगी। सीएम डॉ. मोहन यादव की ओर से प्रदेशवासियों के लिए ये बड़ी सौगात है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने और वाणिज्यिक के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य में एक मेट्रो सिटी को विकसित किया जाएगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि मेट्रो सिटी को चार जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया जाएगा। इन जिलों में इंदौर, उज्जैन, देवास और धार जिले के कुछ हिस्से शामिल रहेंगे। इंदौर, उज्जैन, देवास और धार चारों ही जिले प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया हैं। ऐसे में इन चारों जिलों के हिस्सों को मिलाकर मेट्रो सिटी बनाने से व्यापारियों को काफी लाभ पहुंचेगा और अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इन चार जिलों की तर्ज पर भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जैसे महानगरों को भी विकसित किया आएगा, जिससे प्रदेश में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले।

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