हाथी और बाघ संरक्षण पर आधारित एक दिवसीय अंतर्राज्यीय सम्मेलन

रायपुर,

छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों ने हाथियों और बाघों के संरक्षण के लिए ‘लैंडस्केप एप्रोच’ अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। जो इन प्रजातियों के आवास को संरक्षित करने और उनके प्राकृतिक आवासों के बढ़ते खतरों को कम करने के लिए अत्यधिक प्रभावी माना गया।

वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार वन विभाग द्वारा विगत दिनों राजधानी रायपुर में एक दिवसीय अंतर्राज्यीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के वरिष्ठ वन अधिकारियों ने भाग लिया। यह सम्मेलन हाथियों और बाघों के संरक्षण हेतु दोनों राज्यों के बीच सर्वाेत्तम उपायों और समन्वय पर चर्चा करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

इस अवसर पर हाथियों और बाघों के संरक्षण के लिए संयुक्त प्रयास किए जाने के लिए दोनों राज्यों के अधिकारियों ने सहमति दी। सम्मेलन में वन्यजीवों के आवासों को सुरक्षित रखने के लिए परस्पर सर्वाेत्तम उपायों का आदान-प्रदान किया जाएगा और छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के वन विभाग दोनों राज्यों के बीच निरंतर समन्वय स्थापित कर हाथी और बाघ के संरक्षण की दिशा में सतत कार्य करने पर जोर दिया गया।

सम्मेलन में मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव)) श्री शुभ्रंजन सेन, छत्तीसगढ़ के मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) श्री सुधीर कुमार अग्रवाल और छत्तीसगढ़ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री प्रेम कुमार, मध्यप्रदेश से बांधवगढ़, कान्हा और संजय गांधी टाइगर रिजर्व के वन अधिकारी सहित छत्तीसगढ़ से टाइगर रिजर्व और बिलासपुर और सरगुजा वन मंडलाधिकारी भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *