कूनो में चीतों को तेंदुआ के बाद शिकारियों से खतरा

भोपाल। श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में छोड़े गए चीतों को तेंदुओं के बाद अब शिकारी का भी खतरा बढ़ गया है। दरअसल, मंगलवार को कूनो के मोरावन पश्चिम रेंज में वन विभाग के अमले और शिकारियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों की निगरानी और बढ़ा दी गई है, लेकिन शिकारी कूनो के जंगल से अच्छी तरह से परिचित हैं। इस वजह से वह कब, किस रास्ते से नेशनल पार्क के अंदर पहुंच जाएं और कहां जानवरों का शिकार कर लें, किसी को जानकारी नहीं होती। कूनो के अंदर जानवरों के शिकार के कई मामले पूर्व में भी आ चुके हैं। कई शिकारियों को जाल और हथियारों के अलावा जानवरों की खाल और मांस के साथ गिरफ्तार भी किया जा चुका है, लेकिन शिकारियों का नेटवर्क इतना ज्यादा बड़ा है कि वन विभाग की छोटी-छोटी कार्रवाई से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा। ऐसे हालात में दूसरे जानवरों के साथ-साथ अब चीतों की जान को भी शिकारियों से खतरा हो सकता है।

कूनो में 200 तेंदुआ
शिकारी के अलावा कूनो नेशनल पार्क के अंदर 200 के करीब तेंदुआ हैं जो टकराव होने की स्थिति में चीतों के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। इन दोनों पहलुओं को ध्यान में रखकर वन अमला चीतों की कड़ी निगरानी कर रहा है। खास तौर पर उन अग्नि और वायु चीतों की जो खुले जंगल में हैं।

अभी 22 चीते बाड़े में
अभी 22 चीते बाड़े में हैं, जिन्हें क्रमबद्ध तरीके से खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। फिलहाल, वन अमला खुले जंगल में छोड़े गए अग्नि और वायु चीते पर ही नजर बनाए हुए है, ताकि अन्य चीतों को भी खुले जंगल में छोड़े जाने का निर्णय लिया जा सके। मामले में कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ उत्तम कुमार शर्मा का कहना है कि फिलहाल अन्य चीतों को खुले जंगल में छोड़े जाने का निर्णय नहीं हुआ है। सभी चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बता दें कूनो नेशनल पार्क में 12 वयस्क और 12 शावक यानी कुल 24 चीते मौजूद हैं। इनमें से अग्नि और वायु नाम के दो चीते ही खुले जंगल में हैं। बाकी बाड़े में रखे गए हैं।

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