भारत-चीन रिश्तों में नयी दिशा, मोदी-शी मुलाकात को सीपीसी नेता लियू ने बताया अहम

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि रूस में अक्तूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई सफल मुलाकात ने भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत की थी। सीपीसी के आतंरिक विभाग के मंत्री लियू जियानचाओ ने चीन में भारतीय राजदूत प्रदीप कुमार रावत से मुलाकात के दौरान मोदी-शी के बीच रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात का जिक्र किया। 

लियू का बयान
चीन की आधिकारिक मीडिया के अनुसार, लियू ने इस बातचीत के दौरान कहा कि चीन-भारत संबंधों को फिर से शुरू करना दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के बुनियादी हितों को पूरा करता है। यह वैश्विक दक्षिण की आम अपेक्षाओं और इतिहास की सही दिशा के अनुरूप भी है।

लियू ने आगे कहा कि चीन भारत में सभी राजनीतिक दलों के साथ मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान को मजबूत करने, दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति को संयुक्त रूप से लागू करने और इसके अनुसार, द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और विकास के पथ पर शीघ्र वापस लाने का इच्छुक है। 

पूर्वी लद्दाख में चार साल चला गतिरोध
पूर्वी लद्दाख में चार साल से अधिक समय से चले सैन्य गतिरोध के कारण दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध लगभग ठप पड़ गए थे। गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के समझौते पर पहुंचने के बाद 24 अक्तूबर को मोदी और शी ने कजान में मुलाकात की थी।

मोदी शाह की बैठक
मोदी-शी की बैठक के बाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की। इसके बाद चीन-भारत सीमा मामलों (डब्ल्यूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र पर चर्चा हुई।

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