जौनपुर में 40 बार पेशी में शामिल हुआ अतुल, निकिता के चाचा ने किया निर्दोष होने का दावा

बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष मोदी की आत्महत्या ने देश में बड़ी बहस छेड़ दी है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर अतुल को न्याय दिलाने की मांग करते हुए अभियान चलाए जा रहे हैं। इस बीच अतुल के पिता ने उसके दुख-दर्द और मजबूरी को साझा करते बताया कि इतनी तारीखें पड़ीं कि उसे बेंगलुरु से 40 बार जौनपुर पेशी पर आना पड़ा।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी मामले का संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने सभी मुकदमों की फाइल तलब की हैं। अतुल के पिता पवन मोदी ने बताया कि उसकी पत्नी एक के बाद दूसरा आरोप लगाती रहती थी। उसे मजबूरन मुकदमों की तारीखों पर पेशी के लिए 40 बार बेंगलुरु से जौनपुर का सफर करना पड़ा। वह काफी दबाव में होगा, लेकिन कभी हमें इसकी भनक नहीं लगने थी। अचानक हमें उसकी मौत की सूचना मिली। उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित किया।

अतुल के भाई विकास ने कहा कि चाहता हूं कि देश में ऐसी कानूनी प्रक्रिया हो जिससे आदमी को भी इंसाफ मिल सके। न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठे ऐसे लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की मांग करता हूं जो भ्रष्टाचार कर रहे हैं क्योंकि अगर ऐसा होता रहा तो लोग इंसाफ की उम्मीद कैसे करेंगे।

हम किसी भी कीमत पर इंसाफ चाहते हैं- अतुल का भाई
इंसाफ की उम्मीद तभी की जा सकती है जब यह भ्रष्टाचार से मुक्त हो, जब हर पक्ष को समान रूप से सुना जाएगा और बहस तथ्यों पर आधारित होगी। ऐसे हालात बन जाएंगे कि लोग शादी करने से ही डरने लगेंगे। मर्दों को लगने लगेगा कि अगर उन्होंने शादी की, तो वह केवल पैसे निकालने वाली एटीएम मशीन बन जाएंगे। मेरे भाई ने अपने सुसाइड नोट को इंसाफ बाकी है, से शुरू किया। हम किसी भी कीमत पर इंसाफ चाहते हैं।

गौरतलब है कि बेंगलुरु में 34 वर्षीय अतुल सुभाष ने सोमवार सुबह छह बजे मंजूनाथ लेआउट स्थित डेल्फीनियम रेजीडेंसी में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले उसने 24 पन्ने का एक सुसाइड नोट और करीब डेढ़ घंटे का एक वीडियो एनजीओ को भेजा था।

पत्नी समेत चार के खिलाफ केस दर्ज
अतुल की आत्महत्या के बाद पुलिस ने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा, ससुर अनुराग और चाचा सुशील के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है। पुलिस की एक टीम अतुल की पत्नी और ससुराल वालों से पूछताछ करने जौनपुर भी पहुंची। पुलिस सभी कोणों से मामले की जांच कर रही है।

अतुल की पत्नी निकिता के चाचा सुशील कुमार ने बताया कि उन्हें पता चला है कि एफआइआर में उनका नाम भी है। मैं निर्दोष हूं। मैं वहां पर था भी नहीं। मुझे मीडिया से इस आत्महत्या के बारे में पता चला। पिछले तीन साल से अदालत में मुकदमा चल रहा है और इस दौरान उससे या उसके परिवार से हमारा कोई संपर्क नहीं हुआ। अदालत तय करेगी और फैसला सुनाएगी। अतुल के आरोप झूठे हैं और निकिता जल्द इनका जवाब देगी।

मूल रूप से छत्तीसगढ़ के विलासपुर के रहने वाले हैं। बचपन में ही माता-पिता का देहांत हो गया था। पूसा रोड में रिश्ते के भाई निरंजन मोदी ने उन्हें सहारा दिया। पवन यहीं बस गए। उनके दो पुत्र अतुल सुभाष मोदी और विकास मोदी हैं। अतुल सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने और बेंगलुरु में काम करने लगे। छोटा भाई विकास सीए है। अतुल की प्रारंभिक शिक्षा वैनी के गोल्डेन पब्लिक स्कूल में हुई। स्कूल के प्राचार्य राकेश वर्मा बताते हैं कि अतुल शुरू से मेधावी छात्र रहा।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तलब किया रिकॉर्ड
अतुल के वकील अवधेश तिवारी ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दाखिल सभी मुकदमों का रिकॉर्ड मांगा है। वर्तमान में अतुल के खिलाफ भरण पोषण, घरेलू हिंसा व दहेज उत्पीड़न के मुकदमे चल रहे हैं। सभी फाइलों का रिकार्ड जुटाकर हाई कोर्ट भेजा जाएगा। अतुल, उनके पिता, माता और भाई के खिलाफ पत्नी निकिता द्वारा दाखिल दहेज उत्पीड़न के मामले में गुरुवार को सुनवाई है।

निकिता के भाई ने मीडिया को धमकाया
जब मीडिया अतुल की ससुराल पहुंची, तब उसकी सास चिल्लाती है कि अपने कैमरे बंद कर लो। इस दौरान निकिता का भाई मीडिया को धमकाते हुए कहता है कि भाई साहब गलत हो जाएगा।

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