भारतीय फार्मास्युटिकल बाजार में सुधार के संकेत

नई दिल्ली । फार्मा रिसर्च डेटा द्वारा उपलब्ध जानकारी के अनुसार कार्डियक, गैस्ट्रो, एंटी-डायबिटीज और डर्मा सेगमेंट में 9.9 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज की गई। एंटी-न्यूप्लास्टिक्स, डर्मेटोलॉजी और यूरोलॉजी क्षेत्र भी ग्रोथ की दिशा में थे, जो दर्शाता है कि उपचार की मांग बढ़ रही है। कीमतों में वृद्धि और नई दवाओं का लॉन्च मुख्य ग्रोथ ड्राइवर्स बने रहे। इसके परिणामस्वरूप बिक्री में वृद्धि देखने को मिली, जैसे कि ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन की एंटीबायोटिक दवा ऑगमेंटिन और यूएसवी की ग्लाइकोमेट जीपी। जानकारी के अनुसार घरेलू फार्मा बाजार में नवंबर में रिकवरी देखी गई है और ग्रोथ होने की संभावना है। आईपीएम की कुल वार्षिक वृद्धि 8 फीसदी रही, जिसमें कार्डियक, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और एंटी-इंफेक्टिव थेरेपी क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। यह तरीके से भारत में फार्मास्युटिकल बाजार में सुधार के संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं और दवाओं की मांग और बिक्री में वृद्धि के चिन्ह प्रकट हो रहे हैं।

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