अमित शाह का बड़ा दावा: 2014 के बाद 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि 2014 से पहले की सरकारें कल्याणकारी राज्य के संविधानिक मकसद को हासिल करने के लिए टुकड़ों में काम करती थीं। लेकिन इस अवधारणा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हकीकत में बदल दिया। उन्होंने कहा, पीएम मोदी ने इस बात को समझा कि भारत की साठ करोड़ आबादी जब तक गरीब रहेगी, तब तक देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने बीते दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। 

अहमदाबाद में गुजरात लोक सेवा ट्रस्ट के वार्षिक कार्यक्रम में कहा, 'एक सरकार अकेले इतना बड़ा काम नहीं कर सकती अगर ट्रस्ट, व्यक्ति और सेवा संगठनों को साथ लाया जाए, तो हम जल्दी ही इस समस्या से बाहर निकल सकते हैं।' उन्होंने बताया कि संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने यह निष्कर्ष निकाला था कि कल्याणकारी राज्य की स्थापना ही संविधान का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए। इसके तहत हर व्यक्ति का कल्याण, समान विकास और हर परिवार का सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करना था। 

'65 करोड़ लोगों को हर महीने मुफ्त अनाज वितरित किया'
शाह ने कहा, '2014 से पहले की सरकारें अपने-अपने समय में जितना कर सकती थीं, उन्होंने किया। लेकिन सांख्यिकी (स्टैटिक्स) के छात्र के रूप में मेरी राय है कि पहले सभी सरकारों ने इस लक्ष्य को टुकड़ों-टुकड़ों में पूरा करने की कोशिश की।' गृह मंत्री ने कहा, '2014 में जनता की ओर से चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया कि कोई भी घर बिना शौचालय के नहीं रहेगा। कोई भी व्यक्ति बिना घर और गैस सिलेंडर के नहीं रहेगा। मोदी ने यह भी सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए और हर महीने 65 करोड़ लोगों को पांच किलो अनाज मुफ्त वितरित किया गया। 

'गरीबी से बाहर निकले 25 करोड़ लोग'
उन्होंने कहा कि मोदी ने कल्याणकारी राज्य के लक्ष्य को हकीकत में बदलने का काम किया और 2014 से 60 करोड़ लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के बाद 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल आए। शाह ने यह भी कहा कि सरकार अकेले इतनी बड़ी समस्या से नहीं निपट सकती और इस का में ट्रस्ट, व्यक्तियों और सेवा संगठनों का योगदान जरूरी है। उन्होंने की सराहना करते हुए कहा कि यहां कई शिक्षण संस्थान और गुरुकुल मिलकर इस दिशा में काम कर रहे हैं। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *