हेमा मालिनी ने संसद में उठाया मुद्दा बोलीं- बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं

नई दिल्ली। पिछले कई महीनों से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले हो रहे हैं। उनके घरों और प्रतिष्ठानों को जलाए जाने की खबरें भी आ रहीं है। अब यह मुद्दा भारतीय संसद में भी उठाया जा रहा है। भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंदू संत चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी की बुधवार को संसद में निंदा की। लोकसभा में शून्य काल के दौरान हेमा मालिनी ने कहा, कि मैं स्वयं कृष्ण भक्त हूं और इस्कॉन की अनुयायी हूं। मैं कृष्ण की पावन नगरी मथुरा की प्रतिनिधि हूं। हम धर्म पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह विदेश नीति का विषय नहीं है, बल्कि हमारी भावना का विषय है। बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने सरकार से अनुरोध किया है कि वह कार्रवाई करे और हमारे इस्कॉन भक्तों, हिंदू भाइयों को सुरक्षा दे। हम चुप नहीं रह सकते। यह कूटनीति का मुद्दा नहीं है, बल्कि हमारी भावनाओं और श्री कृष्ण के प्रति भक्ति से जुड़ा है। असम के दारांग-उदलगुड़ी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले भाजपा सदस्य दिलीप सैकिया ने कहा, कि हम चाहते है कि संसद एक प्रस्ताव पारित करे, जिससे बांग्लादेश सरकार को संदेश दिया जा सके कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार पूरी तरह से बंद हो। साल 1971 में बांग्लादेश के गठन के बाद से लाखों बांग्लादेशी मुसलमान असम में घुसपैठ कर चुके हैं और राजनीतिक और चुनावी प्रणाली में निर्णायक कारक बन गए हैं।

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