दुर्गा अष्टमी-महा नवमी साथ, करें मां महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा, जानें विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग

आज 11 अक्टूबर शुक्रवार को शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन है. आज दुर्गा अष्टमी और महा नवमी साथ में है. हालांकि कई जगहों पर दुर्गा अष्टमी का व्रत 10 अक्टूबर को भी रखा गया था. आज के दिन अष्टमी की देवी मां महागौरी और नवमी की देवी मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. ​पंचांग के अनुसार, अश्विन शुक्ल अष्टमी को दुर्गा अष्टमी और नवमी तिथि को महा नवमी के नाम से जानते हैं. दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें और महा नवमी को मां दुर्गा के नौवें स्वरूप की पूजा करते हैं. इस बार दुर्गा अष्टमी और महा नवमी के दिन सुकर्मा योग बना है. इस दिन कन्या पूजा और नवरात्रि का हवन करने का विधान है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं दुर्गा अष्टमी और महा नवमी की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग आदि के बारे में.

 

दुर्गा अष्टमी-महा नवमी 2024 मुहूर्त और योग
दृक पंचांग के अनुसार आज अष्टमी तिथि दोपहर 12:06 बजे तक है. उसके बाद से नवमी तिथि लग जाएगी. आज सुकर्मा योग पूरे दिन है. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग नवमी ति​थि में 12 अक्टूबर को सुबह 05:25 बजे से 06:20 बजे तक है. इस दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:41 ए एम से 05:30 ए एम तक है, वहीं अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:44 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक है.

 

दुर्गा अष्टमी-महा नवमी 2024: दिन का चौघड़ियां मुहूर्त
चर-सामान्य मुहूर्त: 06:20 ए एम से 07:47 ए एम
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 07:47 ए एम से 09:14 ए एम
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 09:14 ए एम से 10:41 ए एम
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 12:08 पी एम से 01:34 पी एम
चर-सामान्य मुहूर्त: 04:28 पी एम से 05:55 पी एम

 

मां महागौरी पूजा मंत्र
1. श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
2. या देवी सर्वभू‍तेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
3. ओम देवी महागौर्यै नमः

 

मां सिद्धिदात्री पूजा मंत्र
1. ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
2. या देवी सर्वभू‍तेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
3. ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः

 

मां महागौरी का प्रिय भोग
माता महागौरी को नारियल या उससे बनी मिठाई, पूड़ी, हलवा, खीर, काले चने आदि का भोग लगाते हैं.

 

मां सिद्धिदात्री का प्रिय भोग
मां सिद्धिदात्री को तिल, हलवा, पूड़ी, नारियल, चना, खीर, आदि का भोग लगाते हैं.

 

दुर्गा अष्टमी-महा नवमी की पूजा विधि
आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होकर व्रत और पूजा का संकल्प करें. उसके बाद शुभ मुहूर्त मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री का जल से अभिषेक करें. उनको लाल पुष्प, अक्षत्, सिंदूर, धूप, ​दीप, गंध, मौसमी फल, नैवेद्य आदि चढ़ांए. फिर महागौरी को नारियल या उससे बनी मिठाई का भोग लगाएं. मां सिद्धिदात्री को तिल, हलवा, पूड़ी, नारियल, चना, खीर, आदि का भोग लगाएं. पूजा के समय आप महागौरी और सिद्धिदात्री मंत्र का उच्चारण करें. उसके बाद दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. नवरात्रि का हवन करें. फिर कन्याओं को पूजा के लिए आमंत्रित करें. विधि और नियम पूर्वक कन्या पूजा करें. उनको उपहार दें और आशीर्वाद लें.

 

मां महागौरी की पूजा के फायदे
मां महागौरी की पूजा करने वालों को सुख, समृद्धि, दीर्घायु की प्राप्ति होती है, वहीं उनके पाप, कष्ट आदि मिट जाते हैं.

 

मां सिद्धिदात्री की पूजा से लाभ
मां सिद्धिदात्री की कृपा से व्यक्ति को मोक्ष मिलता है, वह पाप, कष्ट आदि से मुक्त हो जाता है. देवी के आशीर्वाद से व्यक्ति को 8 सिद्धियां और 9 निधियां मिलती हैं. रोग और ग्रह दोष भी दूर होते हैं.
 

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